लॉक डाउन में ट्रांसपोर्टेशन की समस्या से जूझने के बाद देशवासियों में खुद के एक चार पहिया वाहन की चाहत अब आम ज़रुरत बन गयी है, ऐसे में बाज़ार में सेकेंड हैंड कारों की मांग तेज़ वृद्धि देखी गई है। लोग कम कीमत में अच्छी और मेंटेन कार चाहते हैं, खासकर पेट्रोल गाड़ियों की मांग में बहुत ज्यादा बढ़त हुई है, इसकी एक वजह पेट्रोल कारों में आसानी से एलपीजी और CNG गैस किट लगना बताया जा रहा है, जिससे वाहन मालिक को कम खर्च में अधिक फायदा मिल रहा है।
अगर आप भी एक सेकंड हैण्ड कर खरीदने का मन बना चुके हैं तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें, सेकंड हैण्ड कार खरीदते समय आपको किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए।
1. मौजूदा कार मालिक की पहचान, पुराना कार का रिकॉर्ड एवं प्रमाण
कार खरीदते समय आपको मौजूदा कार मालिक की आईडी और पते को अच्छे से जाँच कर लेना चाहिए साथ ही प्रमाण के अलावा खरीदार का पेन कार्ड और आरटीओ से क्लीयरेंस प्रमाणपत्र (CC) भी देखना चाहिए, तथा पुराना ऑनलाइन रिकॉर्ड भी चेक कर लेना चाहिए की कहीं इस वाहन पर कोई पुराना पुलिस मुकदमा तो दर्ज नहीं है। कार की NOC भी लेनी चाहिए जहां जिस स्टेट में वह कार मूल रूप से रजिस्टर्ड थी।
कारदेखो द्वारा लिस्टेड डॉक्युमेंट्स नीचे दिए गए हैं जिन्हें आपको अपने नाम पर स्वामित्व स्थानांतरित करने के लिए जमा करने की जरूरत होती है।
2. कार खरीद बिल, चालान एवं अन्य रसीदें
यूज्ड कर खरीदते समय आपको कार का ओरिजिनल बिल प्राप्त कर लेना चाहिए, जो आपके पहले मूल मालिक द्वारा कंपनी या डीलर से लिया गया है।
3. पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC)
हमेशा खरीदे गए वाहन की मूल RCकी मांग करें और डुप्लीकेट PVC कार्ड पर कॉपी या फोटोकॉपी कभी न लें। RC एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है, हमेशा ओरिजिनल RC की डिमांड करें या उपलब्ध न हो तो वहां के RTO से ओरिजिनल कॉपी निकलवा लें, क्योंकि इसमें वाहन के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। खरीदार को वाहन चलाते समय इसे हमेशा साथ ले जाना और साथ रखना होता है।
4. कार का बीमा
सभी बीमा सम्बन्धी दस्तावेजों जाँच लें की कार का बिमा है या नहीं, यदि बिमा है तो कौनसा बिमा किया हुआ है, बिमा की आखिरी तारीख कौनसी है, तथा वाहन खरीदते समय पॉलिसी को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लेना चाहिए। साथ ही यह जांच लें कि क्या प्रीमियम का भुगतान समय पर किया गया है और क्या कोई चूक हुई है जो आपको प्रभावित कर सकती है। पॉलिसी के नियमों और शर्तों को विस्तार से देखें और मापें कि नई पॉलिसी की जरूरत है या नहीं।
5. कार सर्विस डॉक्युमेंट
कार की सर्विसिंग हिस्ट्री को चेक कर लें या किसी एक्सपर्ट की सहायता से चेक करवा लें, कर सर्विस बुक के माध्यम से यह सुनिश्चित कर लें की वाहन को शेड्यूल के अनुसार सर्विस किया गया है या नहीं। इसके अलावा, वर्तमान मालिक से पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करें, क्योंकि यह सरकार के नियम के अनुसार आवश्यक है।
6. कार की फिजिकल एवं इंजन की कंडीशन
किसी एक्सपर्ट या मैकेनिक की सहायता से कोई भी सेकंड हैण्ड कार लेने से पहले उसकी फिजिकल एवं इंजन की स्थिति की जाँच करवा ले की सब चीज़ें टेक्निकल रूप से सही है या नहीं, कार का कोई पुर्जा ख़राब तो नहीं यदि कहीं कुछ गड़बड़ी है तो आपको पहले ही अंदाज़ा लग जाएगा, इससे आपको कार एक बेहतर कीमत में खरीदने में आसानी होगी।
7. वाहन अपने नाम पर ट्रान्सफर करवाने के लिए आवश्यक फॉर्म
वाहन को अपने नाम पर ट्रान्सफर करवाने के लिए अनिवार्य डॉक्युमेंट्स में फॉर्म 29 शामिल है जो कार के स्वामित्व के हस्तांतरण की नोटिस अवधि को दर्शाता है, इसके अतिरिक्त फॉर्म 30 कार के स्वामित्व की सूचना और ट्रांसफर के लिए आवेदन करने के कम आता है, यह दो दस्तावेज यूज्ड कार खरीदने के लिए आवश्यक हैं।
क्रेता या विक्रेता को इन फॉर्मों की प्रतियां पार्कि स्टाम्प सहित नाम ट्रान्सफर (स्वामित्व हस्तांतरण) के लिए आरओटी में जमा करना होगा। यदि अपने कार अपने राज्य के अवाला किसी और राज्य से खरीदी है तो आपको फॉर्म 28 की आवश्यकता भी होगी, फॉर्म 28 स्वामित्व को राज्यों के बीच स्थानांतरित करवाने और NOC प्राप्त करने के कम आता है। अगर कार लोन पर खरीदी थी तो फॉर्म 32 और 35 की भी जरूरत होती है।
कार को अपने नाम पर ट्रान्सफर करवाने के लिए आप किसी एजेंट की सहायता भी ले सकते हैं जिससे आपका कार्य आसानी से हो जाए, अक्सर सेकंड हैण्ड कार डीलर्स या कंपनी कार को नाम ट्रान्सफर करवाने की सुविधा खुद ही प्रदान करती है।
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